दोस्तों आप सब IIMC को याद करते है
में कभी IIMC को याद नहीं करता
क्योंकी की वो मेरे दिल की यादो में हमेशा बना रहता है
वो रोज सुबह की क्लास में लेट पहुचना
फिर आनन्द सर की क्लास में होता तो,
लैब में जाकर बैठना,
फेसबुक को खोल कर चेट करना
दिलीप सर का पेपर को दिखाकर
"पूछना कितने का है?"
आनन्द सर की "ये भी ठीक है"
भूपेन सर की फिल्म समीक्षा
IIMC की यादे आपने आप में एक अलग तरह का नशा है
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