बजट क्या है ?
मोटे तोर पर बजट सरकार की आमदनी और खर्च का वार्षिक लेखाजोखा है याद रहे, सरकारी बजट हमेशा अगली साल से जुड़ा होता है अगला साल यानि अगला वित्त वर्ष अर्थात 1 अप्रेल से लेकर 31 मार्च तक
बजट क्यों ?
सरकार बजट पेश क्यों करती है ? इसलिए की हमारी संसदीय व्यवस्था का एक बेसिक सिध्दांत यह है की बिना संसद की मंजूरी के सरकार न तो एक पैसा खर्च कर सकती है और न ही कोई नया टेक्स लगा सकती है संविधान के सेक्शन 112 के तहत सरकार को हर साल फरवरी के अगले वित्त वर्ष की प्राप्तियो और खर्चो का अनुमानित ब्यौरा सदन में रखना ही होता है बजट में क्या है ?
बजट में मोटे तोर पर 3 चीजे होती है पहली, पिछले वित्त वर्ष के अंतिम आंकड़े यानि फाइनल एस्तिमेंट्स, दूसरी, चालू वित्त वर्ष के संशोधन आंकड़े यानि रिवाइन्ड एस्तिमेंट्स और तीसरी, अगले वित्त वर्ष के प्रस्ताविक अनुमानित आंकड़े (बजट एस्तिमेंट्स) चर्चा के केंद्र में अगले साल के लिए प्रस्तावित स्कीमे और प्रस्तावित ही होते है वोट आन अकाउंट
लेखानुदान या वोट आन अकाउंट के मोटे तोर पर अर्थ है अंतरिम बजट अगर चुनाव, युध्द या किसी रास्ट्रीय आपदा के कारण सरकार फरवरी के अंत में बजट न पेश कर पे तो वह कुछ माह या हफ्तों को तयशुदा अवधि के लिए सदन में एक न्यूनतम खर्च करने की अनुमति मांगती है विभिन्न मन्त्रालयो के जरूरी खर्च का इंतजाम करने के लिए लेखानुदान लेन की मजबूती होती है फाईनेस बिल
वार्षिक वित्तीय विवरण
समेकित निधि
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