बढ़े भैया को प्रणाम ।


अरे भैया पिचले कूड़े दान वाले अंकल आज सुबह ही मिले थे। वो बता रहे थे की, वहा तो कोई भी नहीं बचा है और जो बच गए है वो अपना घर छोड़ कर दूसरी जगह जा रहे है । आपके भेजे हुए खून के दोनों पेकेट मिल गये थे। एक माँ ने और एक पिता जी ने ले लिया है लेकिन, तबियत पर कुछ असर नहीं पड़ रहा है। शायद आपने किसी कमजोर आदमी के घर में ढेर जमा रखा है। भैया खून की बहुत जरूरत है जल्दी से कुछ और पैकिट भिजवा देना। आगे वाली सडक पर रहने वाला आपका दोस्त बता रहा था की आपके यहाँ पर कुछ नहीं नालियां बन रही है। क्या लगता है की, ये सब नालियों को गन्दा रखने का ठेका किसको मिलेगा? यदि आपके बाहरी दिल्ली वाले इलाके में कोई जगह खाली हो और आप कहे तो छोटे भैया को आपके पास भेज दूँ । कल कुछ बड़े मच्छर आये थे। आते के साथ ही उन्होंने घर खाली करने के लिए बोल दिया है नहीं किया तो चार पैकिट खून माँगा है । सिर्फ दस की महुलत दी है। और आगे की खबर ये है की अपने कूड़ेदान के सुखिमच्छर की लड़की नैना मच्छाराइन की शादी हो गई है अब वो यमुना पार में चली गई है सुना है की यमुना भी गंदगी से पटी पड़ी है । यदि ऐसा है तो भैया आप भी जाकर देखना और हो सके तो अपने लिए जगह बनाकर हमें भी वाही बुला लेना । यहाँ का कोई भरोसा नहीं की कब क्या हो जाये । इसलिए जल्दी से खत लिखना । ख़ुशी की बात ये है की, भाभी माँ बनने वाली है और भाभी कह रही है की, आप जल्दी से आ जाओ ।
आपकी छोटी बहन
मक्खी
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