Sunday, June 5, 2011

रामलीला मैदान बनाम सरकार

आज पुरे दिन बाबा रामदेव की ही खबर चलती रही है ! टीवी चेनल वाले बाबा को पुरे दिन घेरे रहे ! खबर ही कुछ टीवी पर  चेनल  नए नए  बैनर  बना  बना कर खबर देते रहे      सभी ताजा तस्वीरों   को देखने  की कोशिश  में लगे  रहे! बाबा को मिडिया  का पूरा  सहयोग  मिला बाबा का अनशन बीच  में ही सरकार ने रुकवा  दिया, रामलीला मैदान में रात को करीब 1 :30 बजे पुरे दलबल के साथ  बाबा के समर्थ  को खदेड़ा  गया, बाबा भी महिला  के रूप  में वहा  से भाग  गए  बाबाने बताया  की जब  पुलिस  ने आसू  गोले  छोड़े  तब  जनता  सो  रही थी  जिससे  ज्यादातर  लोग  घायल  हुए
यूपी. ए सरकार में बाबा के अनशन का डर देखते ही बनता है जब बाबा को लेने  लिए मंत्री हवाई अड्डे जा पहुचते है बाबा लगातार सरकार से बातचित करने के लिए राजी थे तो फिर यू. पी.ए सरकार ने आन्दोलन को इस तरह क्यों दबाया गया!  बाबा चाहे जो भी करते है या करते रहे है इस आन्दोलन से उसका का कोई लेना देना नहीं है ये लड़ाई भ्रष्टाचार को  लेकर है काले धन को लेकर है सरकार इस तरह के कारनामे करके यू. पी.ए सरकारक्या दिखाना चाहती है ? कल होने वाली लोकपाल बिल की मीटिंग का क्या होगा ? क्या लोकतंत्र में अनशन अधिकार भी हाथ से जाने का खतरा बन चूका है यह के हालत देखते हुए तो आगे क्या करेगे बाबा ? और यू. पीए सरकार का अगला कदम क्या होगा क्या प्रधान मंत्री जी इस पर कुछ कहेगे ?
लगभग डेढ़ बजे दिल्ली पुलिस हरकत में आई और 5000 जवानों ने रामदेव और समर्थकों को पंडाल को घेर लिया पुलिस का कहना है की रामलीला मैदान योग के लिए लिया गया था और यहा 5 हजार लोगो तक के लिए अनुमति थी लेकिन बाबा ने 5 हजार लोगो से ज्यादा की भीड़ इक्कठी कर रखी थी और ये भीड़ योग के लिए नहीं, आन्दोलन करने के लिए जुटाई गई थी पुलिस आयुक्त बीके गुप्ता के अनुसार पांच हज़ार लोगों के जमा होने की इजाज़त थी पर 50-60 हज़ार लोग जमा हुए और योग शिविर की इजाज़त रद्द कर दी गई! पुलिस ने अनेक वृद्ध लोगों और महिलाओं के भी जबरन पंडाल से निकाल दिया लेकिन बलप्रयोग से पुलिस इंकार कर  रही  है
स्वामी रामदेव कहा  की "हमें सूचनाएं मिल चुकी थीं कि सरकार का आदेश है कि रामदेव को गिरफ़्तार करके या तो एनकांउटर किया जाए, या गायब कर दिया जाए. .मेरे जीवन पर किसी भी ख़तरे की ज़िम्मेदार सोनिया गाँधी और केंद्र सरकार होगी. चार जून की रात इतिहास की सबसे काली रात है... निहत्थे लोगों के साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार हुआ है"
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह"इस बात की जाँच होनी चाहिए कि उनकी संपत्ति का स्रोत क्या है, उनसे संबंधित जिन संस्थानों को करमुक्त किया गया है, क्या वो नियमानुसार काम कर रहे हैं और उनके एक योग गुरु और कुछ साथियों का अतापता नहीं है, वे अब कहा हैं?"










बाबा रामदेव को 15 दिन के लिए दिल्ली से बहार रहने का हुकुम सुना दिया गया है यानि की तड़ीपार रहेने को कहा गया है सरकार इसमे कुछ बोलने के लिए तेयार नहीं है बाबा रामदेव ने शाम होते होते उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती से बात करने का मन बना लिया है जिससे वो आपना अनशन उत्तर प्रदेश के नोयडा में करने की अनुमति मागने की बात कह रहे है साथ ही साथ बाबा ने कह दिया की "दिल्ली किसी के बाप की नहीं"! अन्ना हजारे ने इस घटना पर निंदनीय करार दिया है! यह स्थिति जलियावाला कांड से जोड़ कर देखना गलत है मिडिया को आपने आप पर सयम रखना होगा कही मिडिया अर्थ का अनर्थ ना कर दे फटा फट खबर देने के चक्कर में मिडिया कर्मी भूल जाते है की किस बात का क्या असर होने वाला है! जलियाँवाला बाग कांड कहा कर उन शहीदों का अपमान सा किया जारहा है
केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने  कहा, "जो योगी जनता को योगासन सिखाने के लिए जाना जाता है वह लोगों को राजनीतिक आसन न सिखाए."

भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने  कहा,  "भारतीय जनता पार्टी की ओर से महात्मा गांधी की समाधी राजघाट पर रविवार भारतीय समयानुसार शाम सात बजे से 24 घंटे का सत्याग्रह होगा. ये जलियाँवाला बाग जैसी घटना. मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी को देश से माफ़ी मांगनी चाहिए.ये अलोकतांत्रित और फ़ासीवादी प्रवृत्ति के ख़िलाफ़ सत्याग्रह है और इसमें मेरे साथ लालकृष्ण आडवाणी, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज और राजनाथ राजघाट पर बैठेंगे" इस पर बाबा ने साफ कर दिया की वे किसी पार्टी के लिए ये लड़ाई नहीं लड़ रहे है ये लड़ाई देश का कला धन वापिस लेन की लड़ाई है और इसे आगे भी जारी  रखेगे!
आगे क्या होगा? कोन इस मसले को सुलझाएगा? ये प्रश्न बार बार मिडिया उठा रही है क्या होगा आगे? देश में एक नै क्रांति पंप रही है क्या इसको सरकार आगे बदने देगी या फिर बाबा ही समझोता कर लेगे?

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