


लगभग डेढ़ बजे दिल्ली पुलिस हरकत में आई और 5000 जवानों ने रामदेव और समर्थकों को पंडाल को घेर लिया पुलिस का कहना है की रामलीला मैदान योग के लिए लिया गया था और यहा 5 हजार लोगो तक के लिए अनुमति थी लेकिन बाबा ने 5 हजार लोगो से ज्यादा की भीड़ इक्कठी कर रखी थी और ये भीड़ योग के लिए नहीं, आन्दोलन करने के लिए जुटाई गई थी पुलिस आयुक्त बीके गुप्ता के अनुसार पांच हज़ार लोगों के जमा होने की इजाज़त थी पर 50-60 हज़ार लोग जमा हुए और योग शिविर की इजाज़त रद्द कर दी गई! पुलिस ने अनेक वृद्ध लोगों और महिलाओं के भी जबरन पंडाल से निकाल दिया लेकिन बलप्रयोग से पुलिस इंकार कर रही है

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह"इस बात की जाँच होनी चाहिए कि उनकी संपत्ति का स्रोत क्या है, उनसे संबंधित जिन संस्थानों को करमुक्त किया गया है, क्या वो नियमानुसार काम कर रहे हैं और उनके एक योग गुरु और कुछ साथियों का अतापता नहीं है, वे अब कहा हैं?"
बाबा रामदेव को 15 दिन के लिए दिल्ली से बहार रहने का हुकुम सुना दिया गया है यानि की तड़ीपार रहेने को कहा गया है सरकार इसमे कुछ बोलने के लिए तेयार नहीं है बाबा रामदेव ने शाम होते होते उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती से बात करने का मन बना लिया है जिससे वो आपना अनशन उत्तर प्रदेश के नोयडा में करने की अनुमति मागने की बात कह रहे है साथ ही साथ बाबा ने कह दिया की "दिल्ली किसी के बाप की नहीं"! अन्ना हजारे ने इस घटना पर निंदनीय करार दिया है! यह स्थिति जलियावाला कांड से जोड़ कर देखना गलत है मिडिया को आपने आप पर सयम रखना होगा कही मिडिया अर्थ का अनर्थ ना कर दे फटा फट खबर देने के चक्कर में मिडिया कर्मी भूल जाते है की किस बात का क्या असर होने वाला है! जलियाँवाला बाग कांड कहा कर उन शहीदों का अपमान सा किया जारहा है

भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा, "भारतीय जनता पार्टी की ओर से महात्मा गांधी की समाधी राजघाट पर रविवार भारतीय समयानुसार शाम सात बजे से 24 घंटे का सत्याग्रह होगा. ये जलियाँवाला बाग जैसी घटना. मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी को देश से माफ़ी मांगनी चाहिए.ये अलोकतांत्रित और फ़ासीवादी प्रवृत्ति के ख़िलाफ़ सत्याग्रह है और इसमें मेरे साथ लालकृष्ण आडवाणी, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज और राजनाथ राजघाट पर बैठेंगे" इस पर बाबा ने साफ कर दिया की वे किसी पार्टी के लिए ये लड़ाई नहीं लड़ रहे है ये लड़ाई देश का कला धन वापिस लेन की लड़ाई है और इसे आगे भी जारी रखेगे!
आगे क्या होगा? कोन इस मसले को सुलझाएगा? ये प्रश्न बार बार मिडिया उठा रही है क्या होगा आगे? देश में एक नै क्रांति पंप रही है क्या इसको सरकार आगे बदने देगी या फिर बाबा ही समझोता कर लेगे?
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