Monday, June 6, 2011

बाबा और सरकार

मै बाबा का व्यक्तिगत रूप से विरोधी हु लेकिन सरकार ने  बाबा के साथ जो किया ! वो लोकतंत्र पर मामला है
इस हमले में दिल्ली पुलिस केंद्र के इशारे पर काम कर रही है
फिर एक और नया चेहरा दिल्ली पुलिस का  सामने आया है
राम लीला मैदान की 4 जून की रात की फुटेज रिकोर्डिंग पुलिस ने मिडिया से मांगी है
बाबा के द्वारा लगाये गए CCTV  केमरे की रिकोर्डिंग और साईं चेनल के दवारा लगाये गए!
ये सभी सामान के साथ साथ कुछ लोगो को भी कल रात को जबरन उठा कर ले गई
अब केसिट्स में फेर बदल कर देगे ऐसा आरोप लगा रहे है बाबा
देखना है की आगे न्यायपालिका मे किस फुटेज और  रिकोर्डिंग पेश  किया जाता है
और किस पर विश्वास करेगी ?

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दिल्ली के रामलीला मैदान में बाबा रामदेव के ख़िलाफ़ हुई कार्रवाई को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है लेकिन उन्होंने यह कहते हुए कार्रवाई का बचाव भी किया कि इसके अलावा कोई विकल्प नहीं था बाबा ने हरिद्वार मे प्रधानमंत्री के बयान पर कहा की इसके ली उन्हें  व्यक्तिगत रूप से माफ़ कर सकता हु लेकिन मेरे भक्त गण माफ़ नहीं करेगे बाबा का अगला पलट वार क्या होगा? सत्ता मे हलच मची हुई है सरकार का अगला कदम क्या होगा? मिडिया को  नया मसाला  क्या मिलेगा ?
8 जून को  अन्ना  जन्तर मन्तर पर सत्याग्रह का रहे है क्या ये होगा मिडिया का नया मसाला या फिर कुछ और
मिडिया इस मामले को बनाने के बजये बिगड़ने मे लगी हुई है
पुरे दिन एक ही खबर के पीछे पड़ी रहती है चाहे खबर मे नया कुछ भी न हुआ हो लेकिन मिडिया उसमे नामक मिर्ची लगा कर ब्रेकिंग न्यूज कह देती  है और चलती रहती है

बाबा और उमा भारती

 समाचारों के मुताबिक बाबा और उमा भारती  की प्रेस कन्फ्रेंश हरिद्वार में हो रही है जिसमे बाबा ने कहा की देश के सबसे बड़े न्यायलय को धन्यवाद देते है की उन्होंने केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस भेज कर रामलीला मैदान में हुई घटना पर जवाब 2  सप्ताह में मांग है! दिल्ली पुलिस झूठ बोल रही है केंद्र सरकार भी झूठी बयान बजी कर रही है गाँधीवादी सिध्दान्तो की हत्या के लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है! पंडाल में पुलिस ने आशु गेस  के गोले दागे! बाबा ने कहा की बंद पंडाल में आशु गेस  के गोले नहीं दागे जाते ! जिससे पंडाल में आग लगी! पंडाल में 3  बार आग लगाने की कोशिश की गई! बाबा के सुरक्षा कर्मियों ने आग को बुझाया तो पुलिस ने उन पर भी डाँडो से वार किया! जिससे कई लोग घायल हुए! बाबा  सयन्त्र्ण का आरोप नहीं लगा रहे  है ये तथ्य है जो मिडिया ने दिखाया है!
घायलों को अस्पताल में ले जाया गया और वहा से एक दिन के मामूली उपचार  के बाद  छुट्टी कर दी गई है! घायलों का आरोप है की पुलिस जल्द से जल्द अस्पताल से भगाने में लगी हुई है इसी भगदड़ में यदि कोई घायल होता है और घायल व्यक्ति 10  दिन से ज्यादा अस्पताल में रहता है! ऐसे मामलो में पुलिस पर 307  का केस बनता है!  जिसमे पुलिस पर कार्यवाही बनती है जिससे बचने के लिए पुलिस जल्दी से सभी को भगाने में लगी हुई है !
जब सरकार और अन्य राजनीतिक पार्टिया  जन सभा  भीड़ जुटाने  के लिए पेसे खर्च कर  सकती  है तब कोई हिसाब नहीं देखा जाता? बाबा के साथ फ्री  इतनी भीड़ को देखा कर सरकार क्यों डर रही है? 

जब आतंकी घटना होने से पूर्व आतंकी मेल और धमकी भरे ख़त भेजते है तो सरकार रोक नहीं पाती फिर यह तो कोई दमकी भाई नहीं मिली थी !  पुलिस का कहना है की पुलिस बाबा को गिरफ्तार करने नहीं आई थी बल्कि  बाबा व् उनके एक  नजदीकी  सहयोगी  को  खतरे  की  सुचना देने और राम लीला मैदान को खाली करने के लिए गई थी! मैदान खाली का कारण भीड़ की क्षमता अधिक होने है !


बाबा की आवाज आम जनता की आवाज है और सरकार ने जिस तरह से मुद्दे को हल करने कोशिश की है वो मानवता के सिध्दान्तो से तो परे है लोक पल कमेटी के सदस्य अन्ना हजारे ने अपनी लोकपाल की सभा भी अस्थिगत कर दी है अन्ना ने मामले को देखते हुए सरकार के सामने एक शर्त रखी है की मीटिंग की रिकोडिंग की जाये जिससे जनता को पता चल सके की बैठक में क्या बात चित हुई है !
अन्ना हजारे 8 जून को जन्तर  मन्तर पर एक दिन का सत्यग्रह करेगे ! भाजपा पार्टी कल शाम से राजघाट पर ही धरने दे दिया है भाजपा के प्रमुख नेता दोपहर में महामहिम राष्ट्रपति से मिलेगे और  इस मामले को गंभीरता से लेने की आपिल करेगे!

Sunday, June 5, 2011

रामलीला मैदान बनाम सरकार

आज पुरे दिन बाबा रामदेव की ही खबर चलती रही है ! टीवी चेनल वाले बाबा को पुरे दिन घेरे रहे ! खबर ही कुछ टीवी पर  चेनल  नए नए  बैनर  बना  बना कर खबर देते रहे      सभी ताजा तस्वीरों   को देखने  की कोशिश  में लगे  रहे! बाबा को मिडिया  का पूरा  सहयोग  मिला बाबा का अनशन बीच  में ही सरकार ने रुकवा  दिया, रामलीला मैदान में रात को करीब 1 :30 बजे पुरे दलबल के साथ  बाबा के समर्थ  को खदेड़ा  गया, बाबा भी महिला  के रूप  में वहा  से भाग  गए  बाबाने बताया  की जब  पुलिस  ने आसू  गोले  छोड़े  तब  जनता  सो  रही थी  जिससे  ज्यादातर  लोग  घायल  हुए
यूपी. ए सरकार में बाबा के अनशन का डर देखते ही बनता है जब बाबा को लेने  लिए मंत्री हवाई अड्डे जा पहुचते है बाबा लगातार सरकार से बातचित करने के लिए राजी थे तो फिर यू. पी.ए सरकार ने आन्दोलन को इस तरह क्यों दबाया गया!  बाबा चाहे जो भी करते है या करते रहे है इस आन्दोलन से उसका का कोई लेना देना नहीं है ये लड़ाई भ्रष्टाचार को  लेकर है काले धन को लेकर है सरकार इस तरह के कारनामे करके यू. पी.ए सरकारक्या दिखाना चाहती है ? कल होने वाली लोकपाल बिल की मीटिंग का क्या होगा ? क्या लोकतंत्र में अनशन अधिकार भी हाथ से जाने का खतरा बन चूका है यह के हालत देखते हुए तो आगे क्या करेगे बाबा ? और यू. पीए सरकार का अगला कदम क्या होगा क्या प्रधान मंत्री जी इस पर कुछ कहेगे ?
लगभग डेढ़ बजे दिल्ली पुलिस हरकत में आई और 5000 जवानों ने रामदेव और समर्थकों को पंडाल को घेर लिया पुलिस का कहना है की रामलीला मैदान योग के लिए लिया गया था और यहा 5 हजार लोगो तक के लिए अनुमति थी लेकिन बाबा ने 5 हजार लोगो से ज्यादा की भीड़ इक्कठी कर रखी थी और ये भीड़ योग के लिए नहीं, आन्दोलन करने के लिए जुटाई गई थी पुलिस आयुक्त बीके गुप्ता के अनुसार पांच हज़ार लोगों के जमा होने की इजाज़त थी पर 50-60 हज़ार लोग जमा हुए और योग शिविर की इजाज़त रद्द कर दी गई! पुलिस ने अनेक वृद्ध लोगों और महिलाओं के भी जबरन पंडाल से निकाल दिया लेकिन बलप्रयोग से पुलिस इंकार कर  रही  है
स्वामी रामदेव कहा  की "हमें सूचनाएं मिल चुकी थीं कि सरकार का आदेश है कि रामदेव को गिरफ़्तार करके या तो एनकांउटर किया जाए, या गायब कर दिया जाए. .मेरे जीवन पर किसी भी ख़तरे की ज़िम्मेदार सोनिया गाँधी और केंद्र सरकार होगी. चार जून की रात इतिहास की सबसे काली रात है... निहत्थे लोगों के साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार हुआ है"
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह"इस बात की जाँच होनी चाहिए कि उनकी संपत्ति का स्रोत क्या है, उनसे संबंधित जिन संस्थानों को करमुक्त किया गया है, क्या वो नियमानुसार काम कर रहे हैं और उनके एक योग गुरु और कुछ साथियों का अतापता नहीं है, वे अब कहा हैं?"










बाबा रामदेव को 15 दिन के लिए दिल्ली से बहार रहने का हुकुम सुना दिया गया है यानि की तड़ीपार रहेने को कहा गया है सरकार इसमे कुछ बोलने के लिए तेयार नहीं है बाबा रामदेव ने शाम होते होते उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती से बात करने का मन बना लिया है जिससे वो आपना अनशन उत्तर प्रदेश के नोयडा में करने की अनुमति मागने की बात कह रहे है साथ ही साथ बाबा ने कह दिया की "दिल्ली किसी के बाप की नहीं"! अन्ना हजारे ने इस घटना पर निंदनीय करार दिया है! यह स्थिति जलियावाला कांड से जोड़ कर देखना गलत है मिडिया को आपने आप पर सयम रखना होगा कही मिडिया अर्थ का अनर्थ ना कर दे फटा फट खबर देने के चक्कर में मिडिया कर्मी भूल जाते है की किस बात का क्या असर होने वाला है! जलियाँवाला बाग कांड कहा कर उन शहीदों का अपमान सा किया जारहा है
केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने  कहा, "जो योगी जनता को योगासन सिखाने के लिए जाना जाता है वह लोगों को राजनीतिक आसन न सिखाए."

भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने  कहा,  "भारतीय जनता पार्टी की ओर से महात्मा गांधी की समाधी राजघाट पर रविवार भारतीय समयानुसार शाम सात बजे से 24 घंटे का सत्याग्रह होगा. ये जलियाँवाला बाग जैसी घटना. मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी को देश से माफ़ी मांगनी चाहिए.ये अलोकतांत्रित और फ़ासीवादी प्रवृत्ति के ख़िलाफ़ सत्याग्रह है और इसमें मेरे साथ लालकृष्ण आडवाणी, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज और राजनाथ राजघाट पर बैठेंगे" इस पर बाबा ने साफ कर दिया की वे किसी पार्टी के लिए ये लड़ाई नहीं लड़ रहे है ये लड़ाई देश का कला धन वापिस लेन की लड़ाई है और इसे आगे भी जारी  रखेगे!
आगे क्या होगा? कोन इस मसले को सुलझाएगा? ये प्रश्न बार बार मिडिया उठा रही है क्या होगा आगे? देश में एक नै क्रांति पंप रही है क्या इसको सरकार आगे बदने देगी या फिर बाबा ही समझोता कर लेगे?