सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने कांग्रेस व भाजपा पर साथ –साथ हमला किया। आखिरकार नई पार्टी बनाने के संकेत किरोड़ी लाल मीणा ने दे दिए है। मीन भगवान मंदिर मीणा सीमला पर दौसा जिले के विभिन्न जगहों से आई। पदयात्राओं के समागम पर हुए। कार्यक्रम में दौसा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने नए दल के गठन के संकेत दिए। अब राजस्थान में एक और पार्टी तैयार हो रही है। कुछ विधायक जो अभी तक बी. एस. पी. के साथ थे। शायद अब न रहे।
राजस्थान में भरतपुर कांड को लेकर सरकार कटघड़े में कड़ी हुई है। गहलोत ने भरतपुर के गोपालगढ़ मामले के साथ भंवरी देवी का मामला सरकार को घेरे हुए है। राजस्थान के (कांग्रेस) मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भरतपुर के गोपालगढ़ मामले में दौसा सांसद किरोड़ीलाल मीणा को राजनीति हद में रहने को कहा “जनता को भ्रमित करने के काम को छोड़कर लोगों में भाईचारा और शान्ति स्थापित करने का काम करें” कांग्रेस अपना ठीकरा दुसरो पर फोड़ने पर लगी हुई है।
किरोड़ी लाल मीणा का चुनावी सफर भाजपा के साथ 1980 में शुरु हुआ। पहली बार मीणा दौसा के महुवा क्षेत्र से चुनाव लड़े। जिसमे 130 वोटो से हार गये। ये हार मीणा ने नहीं स्वीकार की। कोर्ट में कैस डाला और जिसमे मीणा विजयी घोषित किये गये। लेकिन कोर्ट के फैसले में समय ज्यादा लगा और एक चुनाव का कार्य काल लगभग समाप्ति की ओर था। मीणा ने दूसरा चुनाव सवाई माधोपुर से लोक सभा के लिए लड़ा। लोकसभा चुनाव में भी हार गये। लेकिन, मीणा हार मानने वालो में से नहीं है फिर विधान सभा का चुनाव महुवा क्षेत्र से चुनाव लड़े। जिसमे पहली जीत हासिल हुई।
सवाई माधोपुर से लोकसभा का चुनाव जीता। किरोड़ी ने अपनी पहचान एक किसान के बेटे के रूप में बनाई। लेकिन, ये छवि ज्यादा दिनों तक नहीं टिकी। लगातार दो विधान सभा चुनाव हारे। दोनों हार के बाद भी मीणा चुप नहीं बैठे। अपने क्षेत्र में लगातार अपनी शाखा बनाने में लगे रहे। जिसका परिणाम भी मिला जल्दी ही मिल गया। दौसा जिला प्रमुख चुनाव में निर्विरोध जीत गये। इसके बाद विधानसभा सवाई माधोपुर क्षेत्र से चुनाव में जीत हासिल की। मीणा शुरु से ही भाजपा का टिकट पर जीतते आये है।
2007 में हुए विधान सभा चुनाव में भाजपा के टिकटों को लेकर पार्टी से खट पट हो गई। यहा से भाजपा का साथ छोड़ दिया। टोडाभीम से विधान सभा का निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में खड़े हुए और जीत कर ही दम लिया। 2007 के लोक सभा चुनावो में दौसा जिले में फिर से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में खड़े हुए यहाँ पर एक लाख से अधिक वोटो से जीते। इस तरह की चुनावी जीतो से भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टी परेशान हो उठी है। जले पर नमक छिडकने का काम गोलमा देवी (किरोड़ी लाल की पत्नी ( ने कर दिया। गोलमा देवी ने महुवा क्षेत्र से विधान सभा का चुना जीत लिया। राजस्थान सरकार ने गोलमा देवी को खादी राज्यमंत्री का पद दिया।
अन्ना हजारे दिल्ली में भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन किया। किरोड़ी लाल मीणा ने अपना डेरा जयपुर में लगा दिया। राजस्थान सरकार की खादी राज्यमंत्री गोलमा देवी अपने सांसद पति डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के साथ धरने पर बैठ गई। राज्यमंत्री के धरने पर बैठने से राज्य सरकार की स्थिति हास्यास्पद हो गई। गहलोत सरकार ने गोलमा देवी से इस्तीफे की मांग की गई। भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के खिलाफ वे मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा भेज भेज दिया। लेकिन, सरकार में स्वीकार नहीं हुआ। कांग्रेस सरकार ने दोनों मंत्रियो को रोकने के ली जी जान लगा दी। सांसद मीणा को सरकार ने उन्हें एक दिन पूर्व ही गिरफ्तार कर जिला बंद कर दिया। मीणा को आदिवासियों की बदहाली को लेकर उदयपुर में रैली नहीं करने दी गई। लेकिन राज्य मंत्री और सांसद ने आदिवासियों से संबंधित अपनी मांगें पूरी होने तक धरना जारी रखने का संकल्प जताया। दौसा, करौली, सवाई माधोपुर और अलवर जिलों में उनके समर्थकों ने रैली निकालकर विरोध जताया।
अन्ना हजारे दिल्ली में भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन किया। किरोड़ी लाल मीणा ने अपना डेरा जयपुर में लगा दिया। राजस्थान सरकार की खादी राज्यमंत्री गोलमा देवी अपने सांसद पति डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के साथ धरने पर बैठ गई। राज्यमंत्री के धरने पर बैठने से राज्य सरकार की स्थिति हास्यास्पद हो गई। गहलोत सरकार ने गोलमा देवी से इस्तीफे की मांग की गई। भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के खिलाफ वे मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा भेज भेज दिया। लेकिन, सरकार में स्वीकार नहीं हुआ। कांग्रेस सरकार ने दोनों मंत्रियो को रोकने के ली जी जान लगा दी। सांसद मीणा को सरकार ने उन्हें एक दिन पूर्व ही गिरफ्तार कर जिला बंद कर दिया। मीणा को आदिवासियों की बदहाली को लेकर उदयपुर में रैली नहीं करने दी गई। लेकिन राज्य मंत्री और सांसद ने आदिवासियों से संबंधित अपनी मांगें पूरी होने तक धरना जारी रखने का संकल्प जताया। दौसा, करौली, सवाई माधोपुर और अलवर जिलों में उनके समर्थकों ने रैली निकालकर विरोध जताया।
राज्यमंत्री और सांसद के धरने पर बैठने के बाद राजधानी जयपुर सहित प्रदेश के कई इलाकों में तनाव के हालात पैदा हो गए। किरोड़ी लाल लगातार किसानो के बैठक कर रहे है। गाँव गाँव में जन सभाए कर रहे है। राजस्थान में बिजली और जल समस्या पर दौसा दे रहे है। सियासत का खेल भरतपुर के गोपालगढ़ से ही शुरू कर दिया है। भरतपुर के पूर्व सांसद विश्वेंद्र सिंह के साथ मिल कर एक जान सभा में मीणा ने कहा इस कांड की निष्पक्ष जांच नहीं कराई गई तो जेल भरो आंदोलन शुरू किया जाएगा। ये सभा अलवर के मेव समाज की और से की गई इससे साफ होता है की अलवर के मेव जाति के वोट मीणा को ही मिले वाले है।
राजनीती के क्षेत्र में बहुत ज्यादा फेर बदल तो नहीं कहा जा सकेगा। लेकिन, कुछ खास जगहों पर तो मीणा आपनी चव्वनी चला सकता है। यदि राजनीती के बाजार में 20 सीटो पर कब्ज़ा कर लिया तो मुख्यमंत्री के दावेदार के रूप में सामना करेगें। दोनों ही पार्टिया अपनी सरकार बनाने के लिए इसका ऑफर नहीं ठुकरा सकेगीं। मीणा का क्षेत्र मुख्य रूप से माने तो, दौसा, सवाई माधोपुर, भरतपुर अलवर है। इसके अतिरिक्त दक्षिणी राजस्थान में भी कुछ सीटों पर कब्ज़ा जमा सकते है विधान सभा के चुनावो में भरी फेर बदलाव दिखा। जहाँ पिछली बार भाजपा की जितनी सीटे थी। इस चुनाव में कांग्रेस की निकली। उत्तर पूर्वी राजस्थान के वोटो से विधान सभा सीटे पर असर पड़ा।
बालाजी पर हुई सभा में सांसद डॉक्टर किरोड़ीलाल मीणा ने कहा "किसानों के साथ दोनों पार्टियों ने छल किया है। किसानों को जब खाद बिजली की जरूरत होती है, तब सरकार खाद, तेल सहित अन्य सामानो के भाव बढ़ा देती है और अनाज उत्पादन के समय अनाजों की कीमत कम कर देती है।" गहलोत सरकार पर ईशारा कर सासंद ने कहा कि गहलोत सरकार हत्यारी सरकार है। इस पर किसानो को सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए तैयार कर रहे है। लखेरा समाज समिति की ओर से राज्यस्तरीय प्रतिभावान छात्र-छात्रा सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि शिक्षा से ही समाज व देश की तरक्की संभव है। बालिका शिक्षा को बढ़ावा दें।
क्या किरोड़ी लाल मीणा तीसरी पार्टी खड़ी कर पायेंगें ? राजस्थान में तीसरी पार्टी का समर्थन किसको फायदा करता है और किसको नुकसान? ये तो आने वाले समय में ही पता लगेगा। तब तक के लिए राजस्थान की सियासत में ये एक बड़ा सवाल बना हुआ है। राजस्थान की राजनीति में क्या कुछ बदलाव आएगा भविष्य में ? ये सवाल है और, ये सवाल साल 2013 के अंत तक ही बने रहेगें।
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